Khoobsurat Mohobbat, Mohobbat Shayari, Khoobsurat Shayari on Pyar, Pyar Mohobbat Shayari
खूबसूरत मेरी शायरी नहीं,
बल्कि तेरी मोहब्बत है..
जो नूर बनकर छलकती है मेरे अल्फाजो मे..
Khubsurat meri Shayari nahi,
Balki Teri Mohobbat hai,
Jo noor banakar chhalakati hai Mere alfazon mein..
जब हो जाये मेरी मोहब्बत पे एतबार,
तो लौट आना हम आज भी तेरे इन्तजार में हैं..
Jab ho jaye Meri Mohobbat pe aitbaar,
To laut aana ham aaj bhi Tere Intezar mein hai..
एहसास-ए-मोहब्बत के लिए
बस इतना ही काफी है,
तेरे बगैर भी हम, तेरे ही रहते हैं..
Ehsas-E-Mohobbat ke liye,
Bas itana hi kafi hai,
Tere bagair bhi ham,Tere hi rahate hai..
मोहब्बत एक नाम है दर्द और
ख़ुशी की कहानी का,
मोहब्बत एक नाम है
हर पल मुस्कुराने का,
ये कोई लम्हा दो लम्हों
की पहचान नहीं है,
मोहब्बत एक नाम है
हर पल साथ निभाने का..
Mohobbat ek naam hai Dard aur
Khushi ki kahani ka,
Mohobbat ek naam hai
har pal muskurane ka,
Ye koi Lamha do Lamhon
ki pehchan nahi hai,
Mohobbat ek naam hai
har pal sath nibhane ka..
अजीब खेल है ये मोहब्बत का,
किसी को हम न मिले, कोई हमें ना मिला..
Ajeeb khel hai ye Mohobbat ka,
Kisi ko ham na mile,Koi Hame na mila..
Please also see Latest 2020 Hindi Love Shayari
सच्ची मोहब्बत की हसरत किसे नही होती,
मगर हर एक की ऐसी किस्मत नही होती,
कोई एक होता है जो समा जाता है दिल में,
हर किसी से तो इतनी मोहब्बत नही होती..
Sacchi Mohobbat ki Hasarat kise nahi hoti,
Magar har ek ki aisi kismat nahi hoti,
Koi Ek hota hai jo sama jata hai Dil mein,
Har kisi se to itani Mohobbat nahi hoti..
मोहब्बत तो बस इक एहसास है,
जिस से हो जाए बस वही खास है..
Mohobbat to bas ek Ehsas hai,
Jis se ho jaye,Bas wahi khas hai..
जब से देखा है तेरी आँखों में झाँक कर,
कोई भी आईना अच्छा नहीं लगता,
तेरी मोहब्बत में ऐसे हुए हैं दीवाने,
तुम्हें कोई और देखे तो अच्छा नहीं लगता..
Jab se dekha hai teri ankhon mein jhank kar,
Koi bhi aaina achha nahi lagta,
Teri Mohobbat mein aise hue hai deewane,
Tumhe koi aur dekhe to Achha nahi lagta..
फिर न सिमटेगी मोहब्बत जो बिखर जायेगी,
ज़िंदगी ज़ुल्फ़ नहीं जो फिर संवर जायेगी,
थाम लो हाथ उसका जो प्यार करे तुमसे,
ये ज़िंदगी ठहरेगी नहीं जो गुज़र जायेगी..
Phir na simategi Mohobbat jo bikhar jayegi,
Zindagi Zulf nahi jo phir sanwar jayegi,
Tham lo hath uska jo pyar kare Tumse,
Ye Zindagi Thahregi nahi jo guzar jayegi..
बहते अश्कों की ज़ुबान नहीं होती,
लफ़्ज़ों में मोहब्बत बयां नही होती,
मिले जो प्यार तो कदर करना,
किस्मत हर कीसी पर मेहरबां नहीं होती..
Bahate ashkon ki zuban nahi hoti,
Lafzon mein Mohobbat bayan nahi hoti,
Mile jo pyar to kadar karna,
Kismat har kisi par meharbaan nahi hoti..
उल्फ़त, मोहब्बत, ग़म,
अश्क, बेवफ़ा, अफ़साने…
शायद वो आयी थी जिंदगी में
सिर्फ ऊर्दू सिखाने.”
Ulfat,Mohobbat,Gam,
Ashk,Bewafa,Afsane..
Shayad wo ayi thi Zindagi mein
sirf Urdu sikhane..
काश मोहब्बत मे भी चूनाव होते..
गजब के भाषण देते तूझे पाने के लिये…
Kash Mohobbat mein bhi chunav hote,
Gazab ke bhashan dete tujhe pane ke liye..
तुझ से दूर रहकर..
मोहब्बत बढ़ती जा रही हैं..
क्या कहूँ.. कैसे कहूँ..
ये दुरी तुझे और करीब ला रही हैं ..
Tujh se door rehakar..
Mohobbat badhati ja rahi hai..
kya kahu..kaise kahun..
Ye doori Tujhe aur kareeb la rahi hai..
तूने मोहब्बत, मोहब्बत से ज्यादा की थी,
मैंने मोहब्बत तुझसे भी ज्यादा की थी,
अब किसे कहोगे मोहब्बत की इन्तेहाँ,
हमने शुरुआत ही इन्तेहाँ से ज्यादा की थी..
Tune Mohobbat,Mohobbat se jyada ki thi,
Maine Mohobbat Tujh se bhi jyada ki thi,
Ab kise kahoge Mohobbat ki Inteha,
Hamne shuruaat hi Inteha se jyada ki thi..